Tuesday, October 4, 2011

Note: My first Hindi Poem.
Subject of d poem: the love was about to start but unfortunately she died due to some reason
and then he wrote down his feelings.

उन नशीली निगाहो मे
प्यार का साहिल रवां था |
नशे मे धुंद दरिया मे
डूब जाने को जी चाहता था |

दर्द - ए - दिल का आलम
उन्हे सुनाना था |
दिवाने खून मे उबल रही
रवानी को जताना था |

हर सुबह गाती थी
हर दिन इक नया तराना |
हर फिजा को पसंद था
उसके दामन मे मचलना |

उसकी जुल्फोंकी घटा थी
बारीश की हर इक बुंद की चाहत |
या खुदा, तू भी कितना जालीम है
गम का साया दिया मुझे प्यार की बदौलत |

उन हसीन लबोने
इश्क का ऐतबार किया था |
भीगी भीगी आंखोंसे
इकरार - ए - पैगाम किया था |

जिससे था जनमोका नाता
उसे खुदी के पास रख लिया |
मोहब्बत के आगाज को कुदरत ने
मौत का अंजाम बना दिया |

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